मुख्य लेख: सौर ऊर्जा सिंचाई योजना (सौर सुजला योजना) || Solar Panel Irrigation Scheme
सौर सिंचाई योजना या Saur Sujala Yojana भारत में राज्य सरकारों के द्वारा किसानों के लिए अनुदान पर दी जाने वाली सिंचाई से संबंधित योजना है। इस योजना के तहत किसानों के खेतों में सोलर प्लांट की स्थापना की जाती है, साथ ही विभिन्न क्षमताओं की पम्प भी योजना के प्रकार के अनुसार प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ उन सभी भारतीय राज्यों के किसानों के द्वारा ली जा सकती है, जहाँ यह लागू है।
इस पोस्ट में हम सोलर पैनल द्वारा सिंचाई योजना के बारे में जानेंगे।
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हम जानेंगे:
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1. सौर ऊर्जा और सौर सिंचाई |
2. सामान्य जानकारी |
3. क्या है और सिंचाई योजना |
4. प्रकार |
5. कैसे करें अप्लाई? |
6. कितना मिलता है अनुदान? |
7. किससे करें सम्पर्क? |
8. आवश्यक दस्तावेज |
9. संबंधित प्रश्न |
1. सौर ऊर्जा और सौर सिंचाई
सौर ऊर्जा: सूर्य की रोशनी से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। इसका उपयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है। वर्तमान समय में खेती में इसका उपयोग सिंचाई के क्षेत्र में किया जा रहा है। पूरी पृथ्वी के ऊर्जा का एकमात्र स्त्रोत होने की वजह से इसी क्षमता का यथासंभव उपयोग करने के लिए सौर सिंचाई की अवधारणा (concept) का प्रारंभ हुआ।
सौर सिंचाई: सौर सिंचाई, सिंचाई की एक ऐसी तकनीकी है जिसमें सूर्य की रोशनी से प्राप्त ऊर्जा (सौर ऊर्जा) को नवीनतम तकनीक के द्वारा इलेक्ट्रिक एनर्जी में परिवर्तित कर बिजली के रूप में उपयोग किया जाता है। जिससे किसान को सिंचाई में कोई अनावश्यक खर्च नहीं आती है। इस नवीनतम तकनीक को सोलर पैनल के रूप में जाना जाता है।
2. सामान्य जानकारी
प्रकार: सौर ऊर्जा से संचालित सिंचाई योजना।
संबंधित विभाग: क्रेडा।
योजना: सरकारी अनुदान योजना।
संबंधित सरकारी विभाग: कृषि
3. क्या है सौर सिंचाई योजना?
पोस्ट के प्रारंभ में वर्णित अनुसार – “सौर सिंचाई योजना भारत में राज्य सरकारों के द्वारा किसानों के लिए अनुदान पर दी जाने वाली सिंचाई से संबंधित योजना है। इस योजना के तहत किसानों के खेतों में सोलर प्लांट की स्थापना की जाती है, साथ ही विभिन्न क्षमताओं की पम्प भी योजना के प्रकार के अनुसार प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ उन सभी भारतीय राज्यों के किसानों के द्वारा ली जा सकती है, जहाँ यह लागू है।”
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4. योजना के प्रकार
इस योजना के कई प्रकार हैं। जिनमें कुछ इस प्रकार हैं:
1. 1.5/2 एच. पी. वाली योजना।
2. 3 एच. पी. वाली योजना।
3. 5 एच. पी. वाली योजना।
1.5/2 एच. पी. वाली योजना
इस योजना के अंतर्गत 1.5/2 एच. पी. वाली पम्प का उपयोग किया जाता है, तथा उसी अनुसार सोलर पैनल की संख्या होती है या उसी अनुसार उसे चलाने की क्षमता वाली सोलर पैनल की स्थापना की जाती है।
3 एच. पी. वाली योजना
इस योजना के अंतर्गत 3 एच. पी. वाली पम्प का उपयोग किया जाता है, तथा उसी अनुसार सोलर पैनल की संख्या होती है या उसी अनुसार उसे चलाने की क्षमता वाली सोलर प्लेट की स्थापना की जाती है।
5 एच. पी. वाली योजना
इस योजना के अंतर्गत 3 एच. पी. वाली पम्प का उपयोग किया जाता है, तथा उसी अनुसार सोलर पैनल की संख्या होती है या उसी अनुसार उसे चलाने की क्षमता वाली सोलर पैनल की स्थापना की जाती है।
5. कैसे करें अप्लाई?
इस योजना हेतु आवेदन करना बहुत ही आसान होता है। आवेदन दो तरीके से किया जा सकता है।
1. सीधे क्रेडा विभाग में आवेदन करना।
2. कृषि विभाग के माध्यम से आवेदन करना।
अगर सीधे ही क्रेडा विभाग के माध्यम से आवेदन किया जाये तो अनुदान मिलने की संभावना नहीं रहती है, वहीं कृषि विभाग के माध्यम से आवेदन करने पर अनुदान मिलने की संभावना 100% होती है। अतः कृषि विभाग के माध्यम से आवेदन किया जाना चाहिए।
6. कितना मिलता है अनुदान
7. किससे करें सम्पर्क? |
इस योजना हेतु आवेदन करने के लिए निम्न. में से किसी एक से सम्पर्क किया जा सकता है।
ग्रामीण स्तर पर सम्पर्क
ग्रामीण स्तर पर आवेदन करने के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी (Rural Agriculture Extension Officer) या उसी के समकक्ष ग्रामीण स्तर के कृषि अधिकारी से सम्पर्क की जानी चाहिये। साथ ही कृषि विकास अधिकारी (Agriculture Development Officer) से भी सम्पर्क की जा सकती है।
विकासखण्ड स्तर
विकासखण्ड स्तर पर आवेदन करने के लिए वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी (Senior Agriculture Development Officer) या उसी के समकक्ष विकासखण्ड स्तर के कृषि अधिकारी से सम्पर्क की जानी चाहिये। साथ ही कृषि विकास अधिकारी (Agriculture Development Officer) से भी सम्पर्क की जा सकती है।
जिला स्तर
जिला स्तर पर आवेदन करने के लिए सहायक संचालक कृषि (Assistant Director of Agriculture) के कार्यालय में आवेदन जमा किया जा सकता है।
क्रेडा के अधिकारी
इसके तहत क्रेडा से सम्बंधित फील्ड स्तर के अधिकारी / कर्मचारी से सम्पर्क की जा सकती है, या सीधे क्रेडा के क्षेत्रीय कार्यालयों में आवेदन जमा किया जा सकता है।
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8. आवश्यक दस्तावेज
इस योजना हेतु निम्न. दस्तावेजों की जरूरत होती है:
1. आधार कॉर्ड।
2. बैंक पासबुक।
3. जमीन के कागजात- नक्शा, खसरा, बी-1 इत्यादि।
4. किसान का पासपोर्ट साइज का फोटो।
इसके साथ ही किसान के पास स्वयं के खेत में या खेत के पास निम्न. में से जल का एक स्त्रोत होना चाहिए-
1. कुआँ।
2. तालाब।
3. नदी।
4. नलकूप।
9. संबंधित प्रश्न
प्रश्न 01. पूरी प्रक्रिया होने में कितने दिन लगते हैं?
उत्तर– पूरी प्रक्रिया होने में अर्थात सौर प्लांट की स्थापना में लगभग 2 – 4 महीने लग जाते हैं।
प्रश्न 02. क्या यह योजना सभी वर्गों के कृषकों हेतु है?
उत्तर– हाँ, इस योजना हेतु सभी वर्गों के कृषक पात्र हैं जिनके पास जमीन और जल का स्त्रोत हो।
शब्दों की व्याख्या
सोलर पैनल (Solar Panel)
विकिपीडिया (wikipedia) के अनुसार- “एक Solar Panel मॉड्यूल फोटो-वोल्टाइक कोशिकाओं की एक समानुक्रम है। फोटो-वोल्टाइक कोशिकाएं ऊर्जा के स्रोत के रूप में सूर्य के प्रकाश का उपयोग करती हैं और प्रत्यक्ष विद्युत उत्पन्न करती हैं। Solar Panel मॉड्यूल के संग्रह को पीवी पैनल कहा जाता है, और पैनल की एक प्रणाली है। एक फोटोवोल्टिक प्रणाली की किरणें विद्युत उपकरणों को सौर ऊर्जा की आपूर्ति करती हैं।”
इलेक्ट्रिकल एनर्जी (Electrical Energy)
विद्युत ऊर्जा गतिज ऊर्जा से प्राप्त ऊर्जा है। जब शिथिल रूप से उपयोग किया जाता है, तो विद्युत ऊर्जा को संदर्भित करती है जिसे विद्युत संभावित ऊर्जा से परिवर्तित किया गया हो। यह ऊर्जा विद्युत प्रवाह और विद्युत क्षमता के संयोजन से आपूर्ति की जाती है जो एक विद्युत सर्किट द्वारा वितरित की जाती है।