Sadri Language Shabdkosh
इस पोस्ट, Sadri Language Shabdkosh (शादरी भाषा शब्दकोष), में शादारी या सदरी या शदरी भाषा के शब्द और उनके वाक्य प्रयोग दिए गये हैं.
सादरी भाषा शब्दकोष (Sadri Language Shabdkosh)
शरीर एवं उसके अंग
शरीर: देंहें
आँख: आयंख
पैर: गोड़
अंगूठी: अंगरी
बाल: केंस
नाक: नाँख
फसल
अरहर: रहड़
पत्ती: पते
अदरक: आदी
मक्का: जिन्हर
मिर्ची: मर्चे
बीज: बीहन
फल
आम: आम्बा
कटहल: कटहर
अमरुद: तामरस
बेर: बो बोयेर
केला: केरा
सब्जी
टमाटर: बिलति
गोभी: कुबी
खाद्य
खाना या भोजन: भात
सब्जी: तीयन
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क्रियायें एवं प्रतिक्रियायें
आना: आयेक
आओ: आना
खाना: खाय्क या खायेक
कैसे: किसे
क्यों: काहें
किस लिए: का कझेन
जाना : जायेक
फूटना: फूटेक
ज्यादा : जादा (मुरूक)
वहाँ: ओठन
यहाँ: येठन
अच्छा: डऊल
गुस्सा: जंग
पर्व, त्यौहार, एवं अन्य कार्यक्रम
शादी: बिहा
पीना: पीयेक
रात: राईत या राय्त
पशु एवं पक्षी
पशु
गिरगिट: टेटेंगा
लकड़बग्घा: हुंडरा
चींटी: चांटी
कीड़ा: पिलवा
मकड़ी: मकरा
बकरी: छेरी
बैल: गरू
बछड़ा: बाछा
बंदर: बंदरा
पक्षी
कबूतर: पेरवां
चिड़िया: चरे
मोर: मेंजूर
गोरैया: गोरेला
अन्य जीवजंतु
मछली: मछरी
रंग
काला: करिया
सफेद: चरका
गाढ़ा केसरिया: गोला
यँत्र एवं अन्य उपकरण
फावड़ा: कोड़ी
आग: आगी
रस्सी: डोरा
बाल्टी: बाल्टीन
Materials
ईंट: इंटा
पत्थर: पखना
मिट्टी: माटी
रेत: बाली
कंकड़: गोटी
प्रकृति
सुबह: बीहान
बादल: बदरी
हवा: हावा
प्रकाश: यींजत
संध्या: सांझ
वृक्ष: गच्छ
पोशाक
साड़ी: लूगा
अन्य
समुद्र: समुन्दर
पौध नर्सरी: थरहा
आग: आगी
जलाने की लकड़ी: काठी
झाड़ी: बूदा
शब्दों का प्रयोग
जाना: जायेक
प्रयोग: ओठन नी जायेक चाहिए
अर्थ: वहाँ नहीं जाना चाहिए
प्रकाश: यींजत
प्रयोग: येठन जबर यींजत अहाय
अर्थ: यहाँ ज्यादा प्रकाश है
बीज: बीहन
प्रयोग: डऊल बीहन हें डऊल गच्छ बनेल
अर्थ: अच्छे बीज से अच्छा वृक्ष बनता है
पैर: गोड़
प्रयोग: तोर गोड़ हें का हईस
अर्थ: तुम्हारे पैर में क्या हुआ है
आँख: आयंख
प्रयोग: नीलम कर आयंख नीला अहाय
अर्थ: नीलम की आँखें नीली हैँ
अंगूठी: अंगरी
प्रयोग: अंगरी देंहें कर भाग हेके
अर्थ: अंगूठी शरीर का भाग है
बाल: केंस
प्रयोग: लड़की मन कर केंस काला आऊर लम्बा रेहेल
अर्थ: लड़कियों का केंस काली और लम्बी होती हैं
नाक: नाँख
प्रयोग: तोर नाँख गोल अहाय
अर्थ: तुम्हारे नाक गोल हैँ
मक्का: जिन्हर
प्रयोग: जिन्हर के हर समय ऊगाय सकतिल
अर्थ: मक्के को हर मौसम में ऊगा सकते हैँ
Sadri Shabd
आम: आम्बा
प्रयोग: दशहरी आम मुरूक मीठा लागेल
अर्थ: दशहरी आम बहुत मीठा लगता है
टमाटर: बिलति
प्रयोग: देशी टमाटर खट्टा रेहेल
अर्थ: देशी टमाटर खट्टा होता है
गोभी: कुबी
प्रयोग: कुबी पत्ती वाला साग हेके
अर्थ: गोभी पत्ती वाली सब्जी है
आना: आयेक
प्रयोग: तोके आयेक रिहिस
अर्थ: तुम्हें आना था
खाना: खाय्क या खायेक
प्रयोग: जादा खायेक नी चाहिए
अर्थ: ज्यादा नहीं खाना चाहिए
कैसे: किसे
प्रयोग: तोंय किसे अहस?
अर्थ: तुम कैसे हो?
क्यों: काहें
प्रयोग: तोके काहें पैसा चाहिए?
अर्थ: तुम्हें क्यों पैसा चाहिए?
किस लिए: का कझेन
प्रयोग: तोंय का कझेन स्कूल नी जास?
अर्थ: तुम स्कूल क्यों नहीं जाते हो?
फूटना: फूटेक
प्रयोग: फुग्गा कर फूटेक आम बात हेके
अर्थ: गुब्बारे का फुटना आम बात है
ज्यादा : जादा (मुरूक)
प्रयोग: ये साल जादा पानी गिरही
अर्थ: इस साल ज्यादा पानी गिरेगा
वहाँ: ओठन
प्रयोग: वहाँ झीन जा
अर्थ: वहाँ मत जा
यहाँ: येठन
प्रयोग: यहाँ तोर कोनो काम निखे
अर्थ: यहाँ तुम्हारा कुछ काम नहीं है
अच्छा: डऊल
प्रयोग: मोंय एक ठू अच्छा घर बनवाहूँ
अर्थ: मैं एक अच्छा घर बनवाऊंगा
Shadri Language
गुस्सा: जंग
प्रयोग: जादा गुस्सा जी कज डऊल ना लागे
अर्थ: ज्यादा गुस्सा सेहत के लिए ठीक नहीं है
शादी: बिहा
प्रयोग: मोर दोस्ती कर बिहा हेक वाला हेके
अर्थ: मेरे दोस्त की शादी होने वाली है
पीना: पीयेक
प्रयोग: दारू पीयेक नी चाहिये
अर्थ: दारू नहीं पीनी चाहिए
रात: राईत या राय्त
प्रयोग: आयेज मुरूक अंधार अहाय
अर्थ: आज बहुत अंधेरा है
गिरगिट: टेटेंगा
प्रयोग: टेटेंगा आपन रंग के बदल देहेल
अर्थ: गिरगिट अपना रंग बदल देता है
लकड़बग्घा: हुंडरा
प्रयोग: हुंडरा मोरल मनके खाय देहेल
अर्थ: लकड़बग्घा मरे हुओं को खा जाता है
चींटी: चांटी
प्रयोग: लाल चांटी चाबेल
अर्थ: लाल चींटी काटती है
कीड़ा: पिलवा
प्रयोग: पिलवा पते खायेल
अर्थ: कीड़ा पत्ती खाती है
मकड़ी: मकरा
प्रयोग: झेर हें मकरा कर जाली तिरछा रेहेल
अर्थ: बारिश में मकड़ी की जाली तिरछी होती है
बकरी: छेरी
प्रयोग: छेरी पते खायेल
अर्थ: बकरी पत्ती खाती है
बैल: गरू
प्रयोग: गरू एकठु बड़े जीव हेके
अर्थ: बैल एक बड़ा जंतु है
बछड़ा: बाछा
प्रयोग: बाछा के दूध दे दे
अर्थ: बछड़ा को दूध दे दो
बंदर: बंदरा
प्रयोग: बंदर मन नकलची रहथें
अर्थ: बंदर नकलची होते हैँ
कबूतर: पेरवां
प्रयोग: पेरवां एकठु छोटे चरे हेके
अर्थ: कबूतर एक छोटी पक्षी है
चिड़िया: चरे
प्रयोग: दुनियाँ हें आनि-मानि कर चरे रहथें
अर्थ: दुनियाँ में विभिन्न प्रकार के चिड़िया रहते हैं
मोर: मेंजूर
प्रयोग: मेंजूर कर पायेँख रंगबीरंगा रेहेल
अर्थ: मोर के पंख रंगबिरंगा होते हैं
गोरैया: गोरेला
प्रयोग: गोरेला घर कर खिड़की हें आपन घोंसला बनायेल
अर्थ: गोरैया घर की खिड़की में अपना घोंसला बनाती है
मछली: मछरी
प्रयोग: मछरी जल कर रानी हेके
अर्थ: मछली जल की रानी है
काला: करिया
प्रयोग: करिया रंग अंधर कर चिन्हा हेके
अर्थ: काला रंग अँधेरे की पहचान है
सफेद: चरका
प्रयोग: चरका रंग शांति कर चिन्हा हेके
अर्थ: सफेद रंग शांति की पहचान है
फावड़ा: कोड़ी
प्रयोग: कोड़ी माटी कोड़ेक कर काम आयेल
अर्थ: फावड़ा मिट्टी खोदने के काम आता है
आग: आगी
प्रयोग: जंगल कर आगी नी बुझे
अर्थ: जंगल की आग नहीं बुझती
रस्सी: डोरा
प्रयोग: कुआँ तिहाँ ले पानी निकलायेक कझेन डोरा लागेल
अर्थ: कुआँ से पानी निकालने के लिए रस्सी लगता है
ईंट: इंटा
प्रयोग: इंटा से घर बनेल
अर्थ: ईंट से घर बनता है
पत्थर: पखना
प्रयोग: भूईं कर नीचे पत्थर रेहेल
अर्थ: भूमि के नीचे पत्थर होता है
मिट्टी: माटी
प्रयोग: माटी ले घड़ा बनेल
अर्थ: मिट्टी से घड़ा बनता है
रेत: बालू
प्रयोग: बालू महीन रेहेल
अर्थ: रेत महीन होता है
कंकड़: गोटी
प्रयोग: गांव हें लड़की मन गोटी वाला खेल खेलथें
अर्थ: गाँव में लड़कियां कंकड़ से खेल खेलते हैं
सुबह: बीहान
प्रयोग: बीहान हेगिस
अर्थ: सुबह हो गया
Nagpuri Language
बादल: बदरी
प्रयोग: ए बदरी हें पानी नीखे
अर्थ: इस बादल में पानी नहीं है
हवा: हावा
प्रयोग: जीयेक कज हवा जरुरी हेके
अर्थ: जीने के लिए हावा जरुरी है
प्रकाश: यींजत
प्रयोग: ये घरे मुरूक यींजत अहाय
अर्थ: इस घर में बहुत रोशनी है
संध्या: सांझ
प्रयोग: सोंझे मैच खेलप
अर्थ: शाम को मैच खेलेंगे
वृक्ष: गच्छ
प्रयोग: आम्बा गच्छ जेठ हें फल देहेल
अर्थ: आम का वृक्ष जेठ में फल देता है
साड़ी: लूगा
प्रयोग: ये लूगा दुई सौ कर हेके
अर्थ: यह शाड़ी 200 का है
समुद्र: समुन्दर
प्रयोग: समुन्दर एकदम बड़े रेहेल
अर्थ: समुद्र बहुत बड़ा होता है
पौध नर्सरी: थरहा
प्रयोग: कुबी कर तरहा अभी निझों बाढ़हे
अर्थ: गोभी की नर्सरी अभी बड़ी नहीं हुई है
जलाने की लकड़ी: काठी
प्रयोग: ए काठी मुरूक बहँगर अहाय
अर्थ: यह लकड़ी बहुत मजबूत है
झाड़ी: बूदा
प्रयोग: जंगल हें बूदा वाला बोयेर उगेल
अर्थ: जंगल में झाड़ी वाली बेर उगती है