Oyster Mushroom Images 

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प्रक्रिया

सबसे पहले धान के पुआल की कटाई की जाती है। कटाई करने के लिए कुट्टी काटने की मशीन का उपयोग किया जा सकता है। यहां चित्र में दिखाए कुट्टी को कुट्टी काटने की मशीन की सहायता से काटा गया है।

चित्र के अनुसार पैरा के कुट्टी को सीमेंट की टंकी गहरे पानी में डुबाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि पुआल के कुट्टी द्वारा पर्याप्त मात्रा में नमी सोंख ली जाय। इस लिए यह जरूरी है की कुट्टी को शाम से सुबह तक पानी की टंकी में डुबोकर रखा जाय।

सुबह पैरा की कुट्टी से पानी की अतिरिक्त मात्रा को निथार लेते हैं। इसके बाद इसे छाया में सुखा देते हैं। हालांकि सुखाने के बाद भी इसमें 70% नमी की मात्रा बनी रहे।

छाया में सुखाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पैरा की कुट्टी को पॉलीथीन bag में भर देते हैं। पॉलीथीन बैग्स में पैरा की कुट्टी भरने से पहले इसमें मशरूम का बीज मिला दिया जाता है।

इसके बाद इन बैग्स को किसकी आधार पर लटका दिया जाता है।

7 दिनों के बाद थैली के अंदर पैरा में पूरी तरह से मशरूम की कवक फैल जाती है। ऐसी स्थिति आने के बाद पॉलिथीन में दो विपरीत दिशाओं में समय लंबाई की लंबवत काट लगा देते हैं। 3 से 4 दिन में ही मशरूम निकलना प्रारंभ हो जाता है।

Oyster mushroom का उत्पादन सबसे सरल होता है। इसमें सबसे बड़ी लाभ यह है कि ज्यादा invest नहीं करना पड़ता है। लेकिन इसे शहरी क्षेत्रों में करने पर ही वास्तविक लाभ मिलने की पूरी संभावना होती है।

इसमें निम्न. सामग्रियों का होना अति आवश्यक है:

धान का पुआल।
मशरूम की बीज।
पॉलीथीन बैग्स।

पहली बार इसकी खेती करने पर कुछ समस्याएं जरूर आती हैं, परंतु 3 से 4 बार अभ्यास करने पर काफी अनुभव मिल जाता है।

अगर इसकी खेती के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो मेरे contact पेज में जाकर मुझे मेल के द्वारा पूछ भी सकते हैं।

Oyster mushroom.

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