NGGB Important Points

Post nameNarwa Garwa Ghurwa Badi
TypeGeneral knowledge
A gothan on hilly terrain

01. क्या है NGGB या Narwa Garwa Ghurwa Bari?

नरवा गरवा घुरवा बारी में नरवा का अर्थ नाला अर्थात् जल का स्त्रोत, गरवा अर्थ गो वंशीय पशु जैसे गाय और बैल, घुरवा का अर्थ गोबर/कूड़ा रखने का जगह, और बारी का अर्थ बाड़ी से है।

यह छत्तीसगढ़ के वर्तमान सरकार (2019-23) की एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण योजना है। इस योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के द्वारा लागू की गई।

“छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा, गरवा, घुरवा, बारी”।

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02. NGGB के उद्देश्य

प्रारंभ में इस योजना को इस उद्देश्य के बनाया गया था ताकि गांवों में सड़कों और खेतों में चरने वाले आवारा पशुओं को आश्रय दिया जा सके। परंतु समय के साथ इसमें अन्य उद्देश्य भी बढ़ते गए, जैसे कि गोबर की खरीदी।

इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए गांवों में गोठानों का निर्माण किया जाने लगा।

गोठानों में चार विभागों को मुख्य रूप से शामिल किया गया है। ये चार विभाग इस प्रकार हैं:

  1. कृषि विभाग
  2. उद्यान विभाग
  3. पशुपालन विभाग
  4. मत्स्य विभाग

03. कार्यप्रणाली

हर गोठान का एक नोडल या प्रभारी अधिकारी होता है। प्रायः कृषि, उद्यान, और पशुपालन विभाग के अधिकारियों को ही प्रभारी अधिकारी बनाया जाता है। यह प्रभारी अधिकारी गोठानों में अपने विभाग की ओर से संचालित होने वाले समस्त कार्यों का संपादन करते हैं।

गोठान की संरचना

  1. एक नोडल अधिकारी।
  2. गोठान अध्यक्ष।
  3. गोठान समिति के सदस्य।
  4. महिला स्व-सहायता समूहें।

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04. कुछ महत्त्वपूर्ण योजनाएं

  • गोधन न्याय योजना।
  • पोषण बाड़ी योजना।
  • सामुदायिक बाड़ी योजना।
  • चारागाह विकास।

4.1. गोधन न्याय योजना

इस योजना के अंतर्गत नोडल अधिकारी गांव के किसानों से उनके गोबर की खरीदी करता है। गोबर की खरीदी करने के बाद नोडल अधिकारी उसे स्व-सहायता समूह को सौंप देता है। स्व-सहायता समूह के द्वारा गोबर का उपयोग कर केंचुआ खाद का निर्माण किया जाता है। इसके पश्चात सरकार के ही संबंधित विभागों द्वारा केंचुआ खाद की खरीदी कर ली जाती है। इन विभागों को सरकार द्वारा स्व-सहायता समूहों से गोबर खरीदी के निर्देश प्राप्त होते हैं। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत नोडल अधिकारी के द्वारा किसानों से 2 रू. प्रति किलो के हिसाब से गोबर कि खरीदी की जाती है। कुछ दिनों बाद यह 5 रू. प्रति किलो होने वाली है।

4.2. पोषण बाड़ी योजना

इस योजना के अंतर्गत उद्यान विभाग के अधिकारियों के द्वारा गोठान ग्राम के किसानों का चयन कर उनके निजी बाड़ी में फल व सब्जी फसलों की खेती हेतु आदान सामग्री प्रदान की जाती है। इसमें सब्जी वाले फसलों जैसे टमाटर, मिर्च, बैंगन, प्याज इत्यादि के बीज दिए जाते हैं। वहीं किसानों को पपीता, आम, लीची, इत्यादि के पौधे प्रदाय किए जाते हैं।

4.3. सामुदायिक बाड़ी योजना

इसके अंतर्गत गोठान के अंदर ही खाली पड़ी जमीन या गोठान के साथ लगे 3-4 किसानों के जमीन में सब्जी फसलों की खेती करने के लिए महिला स्व-सहायता समूह या किसानों के समूह को आदान सामग्री दी जाती है। क्योंकि इसमें 3-4 किसानों की जमीन एक साथ होती है, इसलिए इसे सामुदायिक बाड़ी योजना कहते हैं।

4.4. चारागाह विकास

कृषि एवं पशुपालन विभाग के सहयोग से गोठानों में गांव के पशुओं के लिए चारागाह का विकास किया जाता है, साथ ही गोठान ग्राम के किसानों को पैरादान के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। चारे की फसल में नेपियर घास की फसल ली जाती है।

गोठान से संबंधित सभी योजनाओं को सरकार के द्वारा प्राथमिकता दी जाती है। महिला स्व-सहायता समूह तथा किसानों को गोठान की विभिन्न योजनाओं के द्वारा अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया जाता है, ताकि उन्हें आर्थिक लाभ मिल सके।

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धन्यवाद!

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