वर्मीकम्पोष्ट तैयार करने के लिए केंचुआ कहाँ से प्राप्त करें?

गृह उद्यान, किचन गार्डन तथा खेती-बाड़ी में हमेशा खाद की आवश्यकता होती है। वर्तमान में रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खादों को अधिक महत्व दिया जाता है, यह बात उत्पादक और उपभोक्ता, दोनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। जैविक खादों में वर्मीकम्पोष्ट का विशिष्ट महत्व है। इसे किसान या गृह उद्यान मालिकों के द्वारा स्वयं भी बनाया जा सकता है। इस हेतु सबसे जरूरी चीज है केंचुए की उपलब्धता।
इस पोस्ट में हम जानेंगे कि वर्मीकम्पोष्ट के लिए किस केंचुए की जरूरत होती है, तथा इसे कैसे और कहाँ से प्राप्त करें?

इस पोस्ट में हम जानेंगे:

वर्मीकम्पोष्ट बनाने में उपयोग में आने वाली केंचुए की प्रजाति के बारे में।
इनके प्राप्ति के स्रोत।
कैसे प्राप्त करें।

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वर्मीकम्पोष्ट (Vermicompost) हेतु केंचुए की किस्म या प्रजाति

वर्मीकम्पोष्ट तैयार करने के लिए अन्य आवश्यक सामग्रियों के साथ केंचुए की जरूरत होती है। परन्तु यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि केंचुए की एक विशेष प्रजाति ही वर्मीकम्पोष्ट के निर्माण में काम आती है, केंचुए की किसी भी प्रजाति का उपयोग कम्पोष्ट के निर्माण में नहीं किया जाता।
इस कार्य में उपयोग में लायी जाने वाली केंचुए की प्रजाति है- ‘Eisenia fetida’, इसका सामान्य नाम है- ‘लाल केंचुआ’। यह हम वातावरण पसन्द करती है तथा सड़ी-गली कृषि सामग्रियों जैसे कृषि पदार्थों व अन्य सामग्रियों से भोजन प्राप्त करती हैं।

कहाँ से प्राप्त करें?

केंचुए की यह प्रजाति निम्न. जगहों से प्राप्त की जा सकती है:

1. कृषि विज्ञान केंद्र

2. कृषि विभाग।

3. उद्यान विभाग।

4. कृषि कॉलेज।

5. उन्नतशील कृषक।

कृषि विज्ञान केंद्र

लगभग प्रत्येक जिले में एक कृषि विज्ञान केंद्र होती है। यह जिले के अंदर कहीं भी स्थित हो सकती है। अतः जिले में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र का पता कर वहाँ से वर्म प्राप्त की जानी चाहिये। कृषकों को कुछ शुल्क देना पड़ता है। यह कई बार निःशुल्क होती है। यह सबसे विश्वसनीय स्रोत है।

कृषि विभाग

जिले के अंदर सभी विकासखण्डों में कृषि विभाग होती है। यह विकासखण्ड मुख्यालय में स्थित होती है। इनके द्वारा फार्म में ज्यादा मात्रा में यह कार्य किया जाता है। अतः इनसे संपर्क कर वर्ष के किसी भी दिन निःशुल्क सामग्री प्राप्त की जा सकती है।

उद्यान विभाग

कृषि विभाग की तरह ही जिले की सभी विकासखण्डों में एक उद्यान विभाग भी होती है। इस विभाग से सम्बंधित मुख्यालय को शासकीय उद्यान रोपणी (पौध नर्सरी) के नाम से जाना जाता है। यहाँ से भी लाल केंचुआ प्राप्त किया जा सकता है।

कृषि कॉलेज

अगर आसपास के किसी जिले या स्वयं के जिले में सरकारी कृषि कॉलेज है तो वहाँ वर्म हेतु सम्पर्क की जानी चाहिए। हालाँकि यहाँ वर्म का पालन अधिकतर रिसर्च के तौर पर ही की जाती है। अतः कम मात्रा में केंचुआ प्राप्त कर इसका गुणन किया जा सकता है।

उन्नतशील कृषक

उन्नतशील कृषकों के पास एक न एक वर्मीकम्पोष्ट उत्पादन इकाई होती है। उनके द्वारा स्वंय के उपयोग या व्यावसायिक दृष्टि से वर्मीकम्पोष्ट का उत्पादन किया जाता है। ऐसे किसानों से संपर्क कर बहुत ही कम खर्चे में केंचुआ प्राप्त किया जा सकता है।

कैसे प्राप्त करें?

कृषि विज्ञान केंद्र

  1. विषय विशेषज्ञ (SMS) से संपर्क करें।
  2. सीधे KVK मुख्यालय जायें।
  3. उनके फार्म का भ्रमण करें।

 कृषि विभाग

  1. अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी से सम्पर्क करें। या,
  2. वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से सम्पर्क करें।
  3. सीधे विकासखण्ड मुख्यालय में जायें।
  4. सरकारी कृषि फार्म का भ्रमण करें।

उद्यान विभाग

  1. अपने क्षेत्र के ग्रामीण उद्यान विकास अधिकारी से सम्पर्क करें। या,
  2. वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से सम्पर्क करें।
  3. सीधे विकासखण्ड मुख्यालय में जायें।
  4. सरकारी पौध नर्सरी का भ्रमण करें।

कृषि कॉलेज

पास के कृषि कॉलेज का विजिट करें।

उन्नतशील कृषक

वर्मीकम्पोष्ट का उत्पादन करने वाले कृषकों से मीलें और वर्म की ख़रीदी करें।

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