COVID-19: कौन कितना जागरूक

आज कोरोना को देश में आये 1/2  साल से ज्यादा हो चुका हैं, पहली बार यह भारत में 30 जनवरी 2020 को रिपोर्ट की गई थी। जहाँ प्रारंभ में इस संक्रामक बीमारी से प्रभावित होने वाले स्वस्थ लोगों की संख्या प्रतिदिन 3 अंको से नीचे नीचे थी, वहीं यह संख्या आज की स्थित में 1/2 लाख/प्रतिदिन से ज्यादा है।

अपनी उत्तपत्ति के शुरुआती दौर में इसने कुछ ही देशों को अपने प्रभाव में लिया था। भारत में इसके लक्षण दिखने और मरीजों की कुछ संख्या मिलते ही देश की सरकार ने इसके रोकथाम के हर सम्भव प्रयास जारी किए, देशवाशियों को जागरूक करने के कई उचित तरीके अपनाये। जागरूकता की इस निरन्तर प्रयास के पश्चात कुछ सकारात्मक और अधिकतर अवांछित परिणाम ही मिले।

डिस्क्लेमर: यह लेख कोरोना को लेकर जागरूकता के बारे में लिखी गयी है। अन्य किसी भी प्रकार विचारधारा को व्यक्त नहीं करता।

यहाँ मैं कुछ व्यक्तिगत तौर पर किये गए सर्वे आप सबके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ।

Case 01. एक गृहणी

सवाल: आप बाहर निकलने पर कितनी बार मास्क का प्रयोग करते हैं?

जवाब: “प्रारंभ में जितनी बार घर से निकलना होता था उतनी बार मास्क का प्रयोग करते थे। पर अब डर नहीं लगता, वैसे भी सभी यही कर रहे हैं।”

क्या करना सही है?

‘उत्तर, case 01’ की सोंच बिल्कुल गलत है। यह कोरोना के प्रति उनकी अदूरदर्शिता और अज्ञानता को प्रदर्शित करती है। जरूरी है कि हम अपनी समझ के स्तर को ऊपर उठाकर प्रशासनिक नियमों का हर सम्भव पालन करें।

Case 02. किराना दुकान और सेनेटाइजर

सवाल: आप ग्राहकों से लेन-देन के समय किन-किन बातों का ध्यान रखते हैं?

जवाब: “मैं Social Distancing का पूरी तरह से पालन करता हूँ। मैंने ग्राहकों और अपने बीच उचित दूरी बनाये रखने के लिए दुकान की मुख्य द्वार को डोरी से कवर किया है। ग्राहकों से मिली हर वस्तु पर, जिनमें पैसा भी शामिल है, सेनेटाइजर का प्रयोग करता हूँ। स्वयं मास्क लगाता हूँ और मास्क लगाकर आने वाले ग्राहक से ही लेन-देन करता हूँ।”

क्या करना सही है?

Case 02 से सम्बंधित दुकानदार जो कर रहे हैं, उन्हें उसे अनुसरण करते रहना है।

Case 03. स्कूल और बच्चों के माता-पिता

सवाल: हमने देखा कि कुछ बच्चे स्कूल जा रहे हैं, आपके बच्चे कब जायेंगे?

जवाब: “जब तक कोरोना पूरी तरह नहीं चली जाती तब तक हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे, पढ़ाई तो चलती रहेगी।”

क्या करना सही है?

शिक्षण संस्थानों (सरकारी व निजी) में सरकार और प्रशासन द्वारा जारी किए गये दिशा-निर्देशों का पालन यथा संभव किया जाता है। यह उनकी जिम्मेदारी होती है। अतः कुछ शंका होने पर स्कूल व्यवस्था को स्वयं से निरीक्षण कर बच्चों को स्कूल भेजने की सकारात्मक पहल माता-पिता द्वारा अवश्य ही की जानी चाहिए।

Case 04. गणेश समिति के सदस्य

सवाल: गणेश उत्सव की क्या योजना है आपकी?

जवाब: “गणेश पूजा की यह परंपरा शुरू से ही चली आ रही है, अतः इस बार भी हम गणेश जी की मूर्ति स्थापित करेंगे। पूजा स्थल में पण्डित जी के अलावा समिति के कुछ सदस्य ही व्यवस्था देखने के लिए होंगे। भगवान के भक्तों को दूर से दर्शन करने होंगे जिनकी संख्या दिशा-निर्देश के अंतर्गत ही होंगे”।

क्या करना सही है?

समिति द्वारा स्वयं के कहे गये कथनों का पालन करना ही सर्वथा उचित होगा।

Case 05. 2 ग्रामों के बीच क्रिकेट मैच

सवाल: आप महामारी के इस दौर में क्रिकेट मैच कैसे खेल सकते हैं?

जवाब: “हम सभी स्वस्थ हैं, यहाँ कोई ऐसा नहीं है जो मुंबई, गोवा या दिल्ली से आया हो। कोई संक्रमित नहीं है।

क्या करना सही है?

क्रिकेट के खेल में दोनों टीमों के खिलाड़ी और अंपायर के साथ 24 सदस्य हो जाते हैं। वहीं कुछ दर्शकों के साथ यह संख्या 30 से भी ज्यादा हो जाती है, जो कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सही नहीं है। अतः इन अनाधिकारिक गतिविधियों को रोक देना चाहिए।

अब तो corona virus का variant भी आ गया है।

डिक्लेरेशन

इस पोस्ट के लिए लेख की सामग्री तैयार करते समय COVID-19 हेतु स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन पूरी तरह से लेखक के द्वारा किया गया है।

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