Business vs Job

इस पोस्ट के माध्यम से मैं 5 प्रकार की छोटी व्यवसायों के बारे में बताऊँगा जिन्हें अपनाकर, वे लोग जो किसी प्रकार की नौकरी नहीं करते अथवा नौकरी करने की इच्छा नहीं रखते, जीबन यापन हेतु या इससे कहीं ज्यादा पैसा कमाकर अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जी सकते हैं।

विशेषकर यह पोस्ट ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए है।

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1. मुर्गी पालन व्यवसाय

दो प्रजाति की मुर्गियों का पालन व्यवसाय के रूप में किया जाता है। पहला अण्डे देने वाली प्रजाति और दूसरी माँस हेतु मुर्गी पालन. माँस हेतु पीला जाने वाली मुर्गी में ब्रॉयलर और देशी मुर्गियाँ प्रमुख हैं।

प्रारम्भ में छोटे स्तर पर शरुआत करनी चाहिये।

प्रमुख बिंदु

इन्वेस्ट- इन्वेस्ट कुछ हजार रुपये से लेकर लाखों तक कि जा सकती है।

समस्याएँ- घातक रानी खेत की बीमारी।

नियंत्रण- समय पर वैक्सीन लगवाना।

लाभ- 20 – 40%.

2. दुग्ध उत्पादन

दुग्ध उत्पादन ग्रामीण क्षेत्रों में एक अच्छी व्यवसाय है। गाय की ऐसी कई प्रजातियाँ हैं जो प्रतिदिन (सुबह शाम) 20 से 30 लीटर तक दूध देती हैं। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसकी तुलना सरकारी नौकरी में प्रतिमाह मिलने वाली वेतन से की जा सकती है। हालाँकि प्रति माह मिलने वाली लाभ मेहनत पर निर्भर करती है।

प्रमुख बिंदु

इन्वेस्ट- अच्छी नस्ल के गाय की खरीदी में 35,000 से 60,000 रुपये लग जाते हैं। हालाँकि देशी नस्ल की गायों की कीमत 10,000 से 40,000 तक होती है।

समस्याएँ- चारे की समस्या सबसे बड़ी समस्या होती है। साथ ही बीमारियों का उचित उपचार भी जरूरी है।

लाभ- दुग्ध उत्पादन के व्यवसाय में अधिकतर समय लाभ 50% तक रहती है।

3. बकरी पालन

बकरी पालन ग्रामीण क्षेत्रों का ही व्यवसाय है। इसमें शुरुआती निवेश अधिक होती है।

प्रमुख बिंदु

इन्वेस्ट- 50 हज़ार से 1 लाख।

समस्याएँ- बीमारी और चारे की समस्या प्रमुख हैं।

नियंत्रण- समय पर टीकाकरण आवश्यक है।

ध्यान देने योग्य बातें- अच्छे नस्ल की बकरियों का पालन करना चाहिए।

लाभ- 30 – 50%.

4. किराना दुकान

किराना दुकान ग्रामीण क्षेत्रों में की जाने वाली आम व्यवसाय है। परन्तु अच्छी योजना के साथ इसका संचालन आपको अमीर बना देगी।

प्रमुख बिंदु

इन्वेस्ट- इसकी शुरुआत 500 रुपये से भी की जा सकती है।

समस्याएँ- कई उत्पादों के मार्जिन का कम होना। प्रतिस्पर्धा का बहुत अधिक होना।

लाभ- बड़े स्तर में लाभ अधिक होती है।

5. ऑटो रिपेयरिंग शॉप

हालाँकि ऑटो रिपेयरिंग शॉप की संख्या गाँव में ज्यादा हो सकती है, तथापि यदि एक सुनियोजित ढंग से और आधुनिक तकनीक से आगे बढ़ा जा सकता है।

प्रमुख बिंदु

इन्वेस्ट- 3 – 10 लाख रुपये।

समस्याएँ- प्रतिस्पर्धा।

लाभ- 50% से ऊपर।

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One Thought to “नौकरी न मिले तो कौनसी व्यवसाय करें?”

  1. Unknown

    Nya post kb la re he?

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