Crop Pattern Jashpur (Chhattisagarh)

अपने अधिकतम कृषि पारिस्थितिकीय क्षेत्र के धान की फसल से आच्छादित होने की वजह से छत्तीसगढ़ को “धान का कटोरा” के  नाम से भी जाना जाता है। इसकी मुख्य वजह हैं- मध्य मैदानी भाग के अत्यधिक उपजाऊ भूमि, एकल फसल चक्र (धान की खेती), मैदानी भागों में भू-जलस्तर का वर्षभर बना रहना। यह सभी परिस्थितियाँ धान फसल के अधिक विस्तार और उत्पादन में सहयोगी हैं। सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में धान एक फसल के तौर पर लिया जाता है। 

अन्य दो पारिस्थितिक क्षेत्र, मुख्यतः 1. दक्षिण का पठारी क्षेत्र व 2. उत्तर का पहाड़ी क्षेत्र अपने मिश्रित क्रॉपिंग पैटर्न (Mixed Cropping Pattern) के रूप में जानी जाती हैं; जिनमें उद्यानिकी और कृषि, दोनों ही फसलें फसल चक्र में शामिल की जाती हैं।

इनमें हम जानेंगे, जशपुर के क्रॉप पैटर्न के बारे में।

जशपुर का क्रॉप पैटर्न कृषि और उद्यानिकी फसलों पर आधारित है। उद्यानिकी फसल में यह टमाटर के उत्पादन के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में जानी जाती है, वहीं फील्ड क्रॉप के रूप में धान का विशेष स्थान है।

अन्य फसलों में मिर्ची, भिंडी, बैंगन (उद्यानिकी फसल) और गेहूँ, मक्का, बाजरा (कृषीय फसलें) शामिल हैं। परन्तु इनकी खेती कम से कम पैमाने में ही होती आ रही है।

इस जिले के अधिकतर भागों कृषीय फसल के रूप में धान और उद्यानिकी फसल के रूप में टमाटर को मुख्य फसल के रूप में देखी जा सकती है।

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फिर क्यों बदली क्रॉपिंग पैटर्न?

इस सीजन, 2020 में जिले की दोनों महत्वपूर्ण फसलों अर्थात टमाटर और धान की खेती के साथ एक और महत्वपूर्ण फसल की जोत रकबा में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हुई है। ईस फसल के जोत रकबा बढ़ने के कुछ महत्वपूर्ण कारक भी हैं जिनकी चर्चा हम इस लेख में कर रहे हैं।

किस फसल की बढ़ी है जोत रकबा?

यह फसल है मक्का (Zea maize).

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क्या कारण हैं जोत रकबा बढ़ने के?

1. उत्पादित मक्का को मण्डी के माध्यम से खरीदा जाना।

2. वर्तमान स्थिति।

उत्पादित मक्का का मण्डी के माध्यम से खरीदा जाना।

पूर्व में धान के अलावा मक्का की खरीदी सरकार के द्वारा मण्डी से नहीं की जाती थी, परन्तु इस बार राज्य की वर्तमान सरकार द्वारा सहकारी मण्डी के द्वारा धान के साथ मक्का खरीदी की घोषणा की गई है। यह खरीदी किसानों को बोनस देने के साथ कि जाएगी। और यह एक महत्वपूर्ण वजह है किसानों के द्वारा अपने क्रॉपिंग पैटर्न में मक्के को शामिल किये जाने की।

वर्तमान स्थिति

वर्तमान में Covid-19 महामारी के दौर किसानों ने उद्यानिकी फसल की जगह मक्के को चुना है। इसकी मुख्य वजह उद्यानिकी फसलों जैसे- टमाटर, भिण्डी इत्यादि सब्जियों का जल्द खराब होने की प्रवृत्ति हैं। किसानों के अनुसार-

“टमाटर एक ऐसी फसल है जिसकी तुड़ाई करने के पश्चात जितना जल्दी संभव हो, उतनी ही जल्दी विक्री हो जाये, अन्यथा हानि होने की पूरी संभावना बनी रहती है”।

“इस समय कोरोना की वजह से मार्केटिंग डाउन चल रही है, थोक बिक्री में समस्या आ रही है, चिल्हर बिक्री में आशानुरूप लाभ नहीं मिल पा रही है। इसलिये हमने ऊपरी भूमि में उद्यानिकी फसल की जगह मक्का लेने का निर्णय किया”।

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– By Harish Manik

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