महादेव घाट रायपुर (Mahadev Ghat Raipur)-
परिचय- महादेव घाट रायपुर (Mahadev Ghat Raipur)
नाम: महादेव घाट
विकास खण्ड: रायपुर (Clarification needed)
तहसील: रायपुर (Clarification needed)
जिला: रायपुर
राज्य: छत्तीसगढ़
स्थिति
महादेव घाट रायपुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह रायपुर से उत्तर-पश्चिम की दिशा में स्थित है। यह जगह खारुन नदी के तट से लगी हुई है, जो महानदी की एक सहायक नदी है। खारुन नदी को महानदी की जीवन दायनी भी कहा जाता है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 300 मीटर है।
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महत्व
इस जगह का महत्व बहुत अधिक है।
प्राकृतिक महत्व
प्राकृतिक दृष्टिकोण से इस जगह का महत्व बहुत ज्यादा है। यहाँ से होकर प्रकृति की निशानी के रूप में खारुन नदी बहती है। यह एक छोटी परन्तु बहुत ही सुन्दर और महत्वपूर्ण नदी है। हालाँकि यहाँ जंगलो का अभाव है, परन्तु यह जगह रायपुर जैसे बड़े शहर के शोर गुल तथा वायु प्रदूषण वाले माहौल से दूर है। यहाँ से रात में स्वच्छ आसमान में फैले असंख्य तारों को देखना सम्भव हो पाता है। चाँदनी रातों में नदी में निरंतर बहती हुई दूध के समान जल और मंदिरों में चाँद की रोशनी से उत्तपन्न होने वाली सुंदरता देखते ही बनती है।
धार्मिक महत्व
इस जगह का धार्मिक महत्व बहुत ही अधिक है। यहाँ प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु शिव भगवान के दर्शन हेतु आते हैं। यहाँ 30-40 किलोमीटर के दायरे में आने वाले ग्रामों के निवासी अपनी मनोकामना पूर्ण करने आते हैं। छत्तीसगढ़ के दूर दराज से आये हुए नागरिक रायपुर के भ्रमण के पश्चात एक बार यहाँ आते ही हैं।
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आध्यात्मिक महत्व
महादेव घाट आत्मशांति की प्राप्ति का वह क्षेत्र है जहाँ एक बार आने से अशांत मन को भी शांति की प्राप्ति हो जाती है। नजदीक में बहती हुई नदी की मधुर आवाज, संध्या काल में नदी के अंतिम छोर के साथ लुप्त होती हुई सूर्य किरणें मन को अदभुत आनंद प्रदान करते हैं।
मंदिर से कुछ दूर ही श्मशान घाट है जो हमें यह याद दिलाती है कि जीवन शाश्वत नहीं है, तथा ईश्वर से बढ़कर कोई नहीं।
मन्दिर
महादेव घाट में निम्न देवी और देवता के मंदिर हैं-
1. Shiv Mandir.
2. Krishna Mandir.
3. Maa Durga Mandir.
कैसे पहुँचे यहाँ तक?
रायपुर से भिलाई जाने वाली मुख्य मार्ग के द्वारा यहाँ पहुँचा जा सकता है। इसके लिए टेलीबाँधा पुलिस स्टेशन से पहले पड़ने वाले मार्ग का सहारा लिया जाना चाहिए। इस मार्ग को रिंग रोड़ के नाम से भी जाना जाता है। हालाँकि घड़ी चौक से रविशंकर विश्वविद्यालय जाने वाली मार्ग का भी सारा लिया जा सकता है।
यातायात के साधनों में सिटी बस, निजी बस, कार, ऑटो और बाइक शामिल हैं।
आने के बाद क्या करें?
महादेव घाट पहुँचने के बाद सबसे पहले नदी की पावन जल से स्नान करनी चाहिए अथवा पैर धो लेने चाहिए। तत्पश्चात पूजा की सामग्री खरीदें।
यहाँ शाकाहारी भोजनालय भी हैं जहाँ दूर से आने वाले श्रद्धालु भोजन की औपचारिकता पूरी कर सकते हैं। पर पूजा के पश्चात ही भोजन की जानी चाहिए।
कहाँ से खरीदें पूजा की सामग्री?
पूजा की सामग्री खरीदने के लिए बहुत दूर जाने की आवश्यकता नहीं होती है। यहाँ मंदिर के प्राँगण के बाहर ही पूजा की सामग्री बेचने वाले दुकान होते हैं। यहाँ से सही दामों में सामग्री मिल जाते हैं।
मंदिर खुलने व बन्द होने का समय
मंदिर के पाट सूर्योदय के से पहले ही खुल जाते हैं। सबसे पहले भगवान की आरती उतारी जाती है। दिन भर भक्तों का आना जाना, पूजा अर्चना चलती ही रहती है। रात के 8 बजे तक मंदिर खुले रहते हैं। गर्मी के मौसम में यह शाम का वक्त होता है।
विशेष अवसर
विशेष अवसरों में माघ पूर्णिमा का मेला आकर्षण का केंद्र होता है। वहीं सावन के महीने में शिव मंदिर में भक्तों का ताँता लगा रहता है।
आप क्या पाएंगे यहाँ आकर?
यहाँ आपको आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होगी। तथा लोगों के दुख भी दूर हो जाते हैं।
कहा जाता है कि भगवान शिव वर्ष में एक बार यहाँ विश्राम करने आते है।
-By Harish Manik