कोरोना में कृषकों की दशा

‘कोरोना में कृषकों की दशा क्या है?, पिछले एक वर्षों से क्या रही, वर्तमान में क्या है और भविष्य में क्या रहने वाली है?’; कृषि और कृषकों पर इसके परिणाम और भावी संभावनाओं के बारे में जानना अति आवश्यक है, ताकि खेती संबंधी योजनाओं में आवश्यक परिवर्तन कर वांछित परिणाम प्राप्त किया जा सके।

कोरोना के पहले case मिलने से अब तक 1 वर्ष से भी ज्यादा हो चुका है, और महामारी के रूप में फैले हुए ज्यादा समय भी नहीं हुआ है। दुनिया के सभी देश इससे प्रभावित हुए और इन देशों की अर्थव्यवस्था का प्रत्येक क्षेत्र भी इससे अप्रभावित नहीं रहा।

छूत प्रवृत्ति की बीमारी होने कारण यह दुनिया के कई देशों में तेजी से फैली। इसकी गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए त्वरित Action लिया, और 21 दिन का lockdown सम्पूर्ण देश में लागू किया। School बंद किए गये, और साथ ही कई विभाग भी असंचालित रहे।

Lockdown से लगभग सभी सरकारी विभाग प्रभावित रहे, वहीं कृषि और कृषकों से संबंधित प्रमुख विभाग जैसे कृषि विभाग, उद्यान विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र, पशुपालन विभाग, मतस्य विभाग, वन विभाग, इत्यादि इस दौरान संचालित होते रहे।

इन विभागों से संबंधित अधिकारी और कर्मचारी लगातार कृषकों को विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाने में लगे रहे।

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कोरोना और Lockdown में कृषकों की दशा

कोरोना और Lockdown से तथा कोरोना और Lockdown के दौरान कृषकों को निम्न. समस्याओं का सामना करना पड़ा:

मार्केटिंग (marketing)
उत्पाद की समस्या

मार्केटिंग (marketing)

Marketing में मुख्य समस्या इन गर्मियों के मौसम में हुई जब कृषकों ने भरपूर मात्रा में फसलों से उत्पादन लिया, परन्तु बार – बार की Lockdown की वजह से कृषक इन उत्पादित कच्चे उत्पादों का संग्रहण अपने फार्म या खेत में ही करने के लिए मजबूर हो गये।

उदाहरण:

1. हमारा मशरुम Farm.
2. Friend की तरबूज की खेती.

हमारा मशरूम Farm

2020 के बरसात, सर्दी के मौसम और 2021 के शुरुआती महीनों में हमारे द्वारा अपने मशरुम फार्म (Oyster Mushroom Cultivation) से प्रतिदिन 50 से 70 किलोग्राम ऑयस्टर मशरुम का उत्पादन किया जा रहा था।

स्थानीय क्षेत्रों में ही हमने अपने marketing की व्यवस्था की थी। हम अधिकतर local buses के माध्यम से अपना उत्पाद की delivery मशरुम ग्राहकों तक करते थे। लेकिन Lockdown की वजह से हमारी marketing पूरी तरह बंद हो गई। और इसकी मुख्य वजह कोरोना ही रही।

Image 01-02. Oyster mushroom cultivation 

Image 03 – 05. Paddy Straw Mushroom and Cultivation
Image 06. Deteriorating Mushroom Caps

Friend की तरबूज की खेती

लगातार लागू होने वाले Lockdowns से पहले मेरे दोस्त के द्वारा 5 एकड़ के क्षेत्र में तरबूज की फसल लगाई गई। क्योंकि मैं एक उद्यान विभाग में ही सरकारी नौकर हूँ, इसलिए वह हर तीसरे-चौथे दिन मुझे फ़ोन के द्वारा कहता था कि इस बार इतना पैसा कमा लूंगा जितना तुम अपनी नौकरी में 5 महीने में कमाते हो।

हालाँकि उसके इस सपने पर कोरोना और Lockdown का मार पड़ गया।  आज कई क्विंटल पके हुए तरबूज उसके Farm में ही सड़ रहे हैं। कहने की जरूरत नहीं है कि उसे कितना आर्थिक और मानसिक क्षति हुई।

Image 07: Unsold, stored, deteriorating water melons

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उत्पाद की समस्या

उत्पाद का न बिक पाना: अधिकतर देखने में आया कि जिन क्षेत्रों में कोरोना का प्रकोप अधिक था, उन क्षेत्रों के कृषकों का उत्पाद खरीदने से ग्राहकों ने मना कर दिया।

कच्चे उत्पाद का जल्द ही खराब होना: हम सभी जानते हैं की कृषि कच्चे उत्पाद से संबंधित व्यवसाय है।  यही वजह है कि कोरोना में Lockdown के दौरान जिन कृषकों के उत्पाद बिक नहीं पा रहे वे अब सड़ रहे हैं।

आज कृषकों की दशा बहुत ही बदहाल है।

  • निवेश के लिए पैसे की कमी है।
  • उत्पादों की बिक्री नहीं हो पा रही।
  • उत्पाद सड़ रहे हैं।
  • कृषकों को चारों ओर से कोरोना और Lockdown की मार पड़ रही है।

आप अखबारों में या अन्य कई माध्यमों से सुनते होंगे कि..

कोरोना काल में …. महिला कृषक समूह ने की …. की खेती, जिससे हुई …. रु. की कमाई।

कोरोना काल में कृषक समूह बनी मिसाल।

जबकि वास्तव में ऐसा कुछ नहीं होता। यह सब बनाया गया होता है।

कोरोना कब जायेगी, हालात सामान्य कब तक होंगे यह कह पाना इस वक्त बहुत मुश्किल है, परन्तु इस बात में कोई संदेह नहीं कि कृषकों की स्थिति आज भी जैसी है कल भी वैसी ही रहेगी।

स्थितियाँ

  • कृषक का कोरोना से संक्रमित होना।
  • कृषक परिवार के किसी सदस्य का कोरोना से संक्रमित होना।
  • Farm मजदूरों का कोरोना से संक्रमित होना।
  • कृषि दुकानों का बंद रहना।
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स्थिति 01. कृषक का कोरोना से संक्रमित होना

कृषक कृषि का आधार होता है। जब वह कोरोना से संक्रमित हो जाता है तब उसे कोरोना सेंटर में रख दिया जाता है, और उसके परिवार को होम आइसोलेशन में। इस तरह कई कृषकों के कार्य बंद पड़े हैं।

स्थिति 02. कृषक परिवार के किसी सदस्य का कोरोना से संक्रमित होना

यह स्थिति 01 के समान ही है।

स्थिति 03. Farm मजदूरों का कोरोना से संक्रमित होना

कोरोना और Lock down की वजह से बड़े किसानों के फार्मों में कार्य की गति रुक सी गईं हैं। वहीं किसी मजदूर के कोरोना द्वारा संक्रमित होने से स्थिति और भी बिगड़ जाती है।

स्थिति 04. कृषि दुकानों का बंद रहना

लगातार लागू किये जा रहे Lockdowns की वजह से लगभग सभी कृषि दुकानें बंद पड़ी हैं, और इस वजह से कृषकों को कृषि संबंधी उपकरण व अन्य सामग्रियाँ खरीदने में भी दिक्कते हो रही हैं।

कोरोना में कृषकों की दशा, जो मैंने देखी है, उन्ही दशाओं से संबंधित समस्याओं का वर्णन मैंने इस लेख में किया है।

अगर आप एक किसान हैं, और कोरोना व Lockdown की वजह से आपको किन किन समस्याओं का सामना करना पड़ा; हमारे साथ अवश्य share करें।

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