मुख्य-लेख: कोरोना और स्कूल

विश्व में कोरोना (corona) के प्रादुर्भ के आधे से अधिक वर्ष हो चुके हैं। इस दौरान कई सारे उतार-चढ़ाव देखने मिले। इनमें अधिकतर नकरात्मक चीजें थीं, परन्तु जो सकारात्मक पहलु रहीं वह वर्तमान में आगे बढ़ने में अनवरत मदद कर रही हैं।

इस दौरान सभी प्रकार की स्कूलें (निजी एवं सरकारी) बंद रहीं। वहीं अब आवश्यक सावधानियों के साथ दिन में कुछ घण्टों के लिए स्कूलों को खोला जा रहा है।

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कोरोना से प्रभावित क्षेत्र

1. व्यक्तिगत लाइफ।
2. समुदाय।
3. निजी क्षेत्र।
4. सरकारी क्षेत्र।

इस पोस्ट में हम विशेष रूप से कोरोना और उसके शिक्षा क्षेत्र पर विभिन्न प्रभावों के बारे में चर्चा करेंगे।

व्यक्तिगत जिंदगियाँ

हजारों व्यक्तिगत जिंदगियाँ कोरोना काल से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुई हैं। इनमें बच्चे से लेकर बूढ़े, सभी उम्र के इंसान शामिल हैं। यहाँ समस्या यह हुई कि बच्चों का स्कूल जाना तो बंद हुआ, साथ में उनका ट्यूशन जाने पर भी रोक लग गयी जो उनके लिये minus point रही। वहीं रोजमर्रा की सामान्य जिंदगी थम सी गयी।

समुदाय

व्यक्तिगत जिंदगियों के प्रभावित होने की वजह से समुदाय के लगभग सभी हिस्सों का प्रभावित होना तय था। इनमें विद्यार्थी समुदाय विशेष रूप से प्रभावित हुईं। छोटी-छोटी स्कूलों से लेकर कॉलेज जैसी बड़ी शिक्षा संस्थानें प्रभावित हुईं। यह सभी महीनों तक बंद रहीं। यह कोरोना का प्रत्यक्ष पराभव रहा है।

निजी क्षेत्र

यहाँ निजी क्षेत्र से तात्पर्य, व्यावसायिक फर्मों से हैं, जिनकी सेहत के लिये कोरोना बहुत ही हानिकारक साबित हुई। कई initiatives या तो बंद हो गए या बंद होने के कगार पर हैं। ‘Well Established Companies’ भी इससे अछूते नहीं रहे।

सरकारी क्षेत्र

सरकारी क्षेत्र में कई विभाग हैं, जिनका कार्य कोरोना के दौरान भी चलता रहा। वे रुके नहीं। परन्तु, शिक्षा विभाग वह विशेष क्षेत्र था जो इस महामारी से लगातार प्रभावित रही। इसके प्रभाव से:

1. स्कूलें लगातार बंद रहीं।

2. कॉलेज बंद रहीं।

3. स्कूल की परीक्षाएँ रद्द हुईं।

4. कॉलेज की परीक्षाएँ।

5. प्रतियोगी परीक्षाएँ रद्द हुईं।

स्कूलों का खुलना

स्कूलों के खोले जाने का निर्णय खुलना अचानक ही नहीं लिया गया, यह कुछ facts और observations के positvie findings पर आधारित हैं।

1. यह observation कि कोरोना से एक व्यक्ति विशेष किस तरह expose अर्थात् संक्रमित होता है।

2. यह observation कि सुरक्षा उपायों में कौनसी सुरक्षा उपाय ज्यादा कारगर है।

3. यह observation कि होम आइसोलेशन कितना कारगर है या रहा है?

4. इसका संक्रमण दर क्या है?

5. संक्रमित हो जाने पर fast recovery के उपाय क्या हैं?

उपरोक्त बिंदुओं से मिले परिणामों और अन्य अवर्णित सकारात्मक परिणामों के आधार पर एक positive belief के साथ शिक्षा के मंदिर के द्वार पुनः खोले जा रहे हैं। और स्तिथि को सामान्य स्तर पर लाने की कोशिश की जा रही है।

स्कूलों की कक्षाएँ शिफ्ट में संचालित की जा रही हैं। यह सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

इस दौरान बरती जाने वाली आवश्यक सावधानियाँ

1. सेनेटाइजर: सेनेटाइजर से अब सभी परिचित हो चुके हैं। यह सामान्य बोलचाल की भाषा/शब्द बन चुकी है। इसका समय-समय पर उपयोग किया जाना बहुुुत जरूरी है।
 
2. सोशल Distancing: इससे भी सभी परिचित हैं। दुःख की बात यह है कि इसका अनुसरण न के बराबर होता है। इसका अनुसरण किया जाना अति आवश्यक है।
 

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