इस बार मजा नहीं आया

भाग एक

मेरे Homeyard में लीची के दो और आम के भी दो पेड़ हैं।

आम के छोटे पेड़ में कभी फूल-फल लगते ही नहीं। इसकी किस्म ही खराब है। बड़े पेड़ में जोकि तोतापरी है, यह बौर से लद गई थी। पर, इस वर्ष के खराब मौसम की वजह से अधिकांश फूल झड़ गये। कुल 920 फल लगे थे। इनमें से 110 ही Mature हो पाये।

मन ही खट्टा हो गया।

वहीं लीची में तो फूल तक नहीं आये।

लीची खरीद कर खाना पड़ा।

It was pathetic, really!

भाग दो

इस बात को आज एक साल हो गए हैं, और आज वही दिन है। इस बार मेरे आम के पेड़ में पहले बताए गए वर्ष से ज्यादा फूल लगे, आंधी और तूफान भी नहीं आई। इस तरह इस वर्ष बहुत अधिक मात्रा में फल लगे। हालांकि आम के पेड़ में लगे फूलों की यह विशेषता होती है की सिर्फ 0.1% फल ही परिपक्व हो पाते हैं।

इसके बाद भी मेरा आम का पेड़ फल से लद गया। पर इस बार भी मजा नहीं आया, क्योंकि की फलों की तुड़ाई करने के कुछ दिन पहले ही बहुत अधिक बारिश हुई। तुड़ाई के पश्चात फलों को भंडार गृह में रखा गया पर फल सड़न के वजह से काफी सारे फल खराब हो गए।

हालांकि जब आम कच्चे थे तब हमने बहुत से फलों को तोड़कर आचार बना लिया था। इस बार थोड़ा कम मजा आया।

भाग तीन

आज पहले वर्ष में लगे फलों के बाद यह तीसरा वर्ष पहुंच चुका है। गांव के सभी आम के पेड़ फलों से वंचित हैं। लेकिन मेरे पेड़ में फलों की भरमार है। तोतापारी आम होने की वजह से इसमें हर साल फल लगते हैं, और यही इसका लाभ है।

अभी तक फलों में गुठली नहीं आए हैं। गुठली आने के बाद इस बार हम सभी फलों को आचार में परिवर्तित कर देंगे। इस बार मैं पहले वाली गलती नहीं करूंगा। Mansoon की पहली बारिश से पहले ही सभी फलों की तुड़ाई कर लूंगा।

मई का महीना: आज मैंने आम के सभी फलों की तुड़ाई कर ली है। कुछ फलों को अपने लिए रखा है तथा अधिकतर फलों को थोक भाव में बेंच रहा हूं। इस बार फायदा होने के बाद मजा आ गया।

-By Harish Manik

यह पोस्ट मैंने कुछ वर्षों पहले लिखी थी। अगर आपको तोतापारी आम चाहिए तो मुझे संपर्क करें। हालांकि आपको गर्मी मौसम का इंतजार करना पड़ेगा। मैं आपके घर तक आम पहुंचा दूंगा, पर किराया आपको देना पड़ेगा।

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